Categories: General

History of Nayika Devi Solanki in Hindi/ नायिका देवी सोलंकी एक ऐसी वीरांगना जिसने मोहम्मद गौरी को हराकर नपुसंक बना दिया।

राजमाता नायिका देवी सोलंकी एक क्षत्राणी जिसने मोहम्मद गौरी को हराकर नंपुसक बनाया। 

रानी नायिका देवी पाटन एक ऐसी वीरांगना जिसने पृथ्वीराज चौहान को धोखे से पराजित करने वाले मोहम्मद गौरी को नपुसंक बना दिया। परंतु हमारे इतिहास से उनका नाम मिटा दिया गया, और मिटे भी तो क्यों पहले मुग़लो ने हमारे इतिहास को मिटाया फिर अंग्रेजों ने हमारी संस्कृति और इतिहास को मिटाया फिर अंग्रेजों के ग़ुलाम कांग्रेस को सत्ता मिली और उसमे भी हमारे इतिहास को संग्रहित नहीं किया। 

राजमाता नायिका देवी जिसने साबुद्दीन मोहम्मद गोरी को भारत में पहली पराजय का रास्ता दिखाया युद्धभूमि में धूल चटा दी थी।

राजमाता नायिका देवी पाटन का जीवन परिचय।

गुजरात के चालुक्य वंश की राजकुमारी नायिका देवी सोलंकी का जन्म गोवा में हुआ था। बचपन से युद्ध कला में महारत हासिल करने वाली राजकुमारी नायकी देवी सोलंकी एक कुशल कूटनीतिज्ञ भी थी। इनके पिता महाराजा शिवचित्ता परमांडी, कंदब के महामंडलेश्वर थे। जब राजकुमारी नायिका देवी सोलंकी बड़ी हुई तो इनका विवाह गुजरात के राजकुमार अजयपाल सिंह के साथ हुआ। अजयपाल सिंह गुजरात के महाराजा महिपाल के पुत्र थे।

सन 1175 ईस्वी में अजयपाल सिंह की उनके ही अंगरक्षक ने हत्या कर दी और मौत के घाट उतार दिया। महाराजा अजयपाल सिंह का कार्यकाल 4 वर्षों का रहा, 1171 ईस्वी से लेकर 1175 ईस्वी तक इन्होंने राज किया था।

महारानी नायिका देवी सम्राट अजयपाल सोलंकी की विधवा महारानी व मूलराज द्वित्तीय , भीमदेव द्वितीय की माता थी नायिका देवी  ,महाराज अजयपाल जी के निधन के बाद सारा राजपाट का भार राजमाता नायका देवी के कंधों पर आ गया,उनके पुत्र मूलराज द्वितीय व भीमदेव द्वितीय अभी बाल अवस्था में थे, मुहम्मद गोरी का पहला आक्रमण मुल्तान और उच के किले पर था। मुल्तान और उच पर कब्जा करने के बाद, वह दक्षिण की ओर दक्षिणी राजपुताना और गुजरात की ओर मुड़ गया। उसका निशाना अनहिलवाड़ा पाटन का समृद्ध किला था । 

मोहम्मद गौरी का पाटन हमला।

जब गोरी ने पाटन पर हमला किया, तो यह मूलराज-द्वितीय के शासन में था, जो अपने पिता अजयपाल के निधन के बाद एक  10 वर्षीय उमर में सिंहासन पर चढ़े थे। हालांकि, यह वास्तव में उनकी मां, नयिकी देवी थी, जिन्होंने राजमाता के रूप में राज्य की बागडोर संभाली थी। दिलचस्प बात यह है कि इस तथ्य ने गोरी को अन्हिलवाड़ा पाटन पर कब्जा करने के बारे में आश्वस्त कर दिया था । 

चालुक्य (सोलंकीयो) का पराक्रम।

शहाबुद्दीन मोहम्मद गौरी को लगा कि एक महिला और एक बच्चा बहुत अधिक प्रतिरोध प्रदान नहीं करेगा। पर गोरी जल्द ही सत्य सीख जाएगा

राजमाता नायकि देवी तलवार चलाने, घुड़सवार सेना, सैन्य रणनीति, कूटनीति और राज्य के अन्य सभी विषयों में अच्छी तरह से प्रशिक्षित थी। गौरी के आसन्न हमले की संभावना से दुखी होकर, उसने चालुक्य सेना की कमान संभाली और आक्रमणकारी सेना के लिए एकसुनियोजित विरोध का आयोजन किया।

चालुक्य सेना संख्याबल में कम होने के कारण दुश्मन सैनिकों की भारी भीड़ को हराने के लिए पर्याप्त नहीं थी, राजमाता नायिकी देवी ने सावधानीपूर्वक एक युद्ध की रणनीति बनाई। उसने गदरघाट के बीहड़ इलाके को चुना – कसाहरदा गाँव के पास माउंट आबू के एक इलाके में (आधुनिक-सिरोही जिले में) – लड़ाई के स्थल के रूप में। गदरघाट की संकरी पहाड़ी दर्रा ग़ोरी की हमलावर सेना के लिए अपरिचित ज़मीन थी, जिससे नायकी देवी को बहुत बड़ा फायदा हुआ।

और एक शानदार चाल ने युद्ध को संतुलित कर दिया। और इसलिए जब गौरी और उसकी सेना आखिर कसरावदा पहुंची, राजमाता नायिका देवी एक विशाल गजराज पर अपने पुत्र के साथ में सवार थी ई, जिससे उसके सैनिकों ने भीषण जवाबी हमला किया।

इसके बाद क्या था उस लड़ाई में, जिसे (कसारदा की लड़ाई के रूप में जाना जाता है), आगे चलकर चालुक्य सेना और उसके युद्ध के हाथियों की टुकड़ी ने हमलावर ताकत को कुचल दिया। यह वही गोरी की सेना थी जिसने एक बार मुल्तान के शक्तिशाली सुल्तानों को युद्ध में हराया था।

राजमाता नायिका देवी के शानदार युद्ध रणनीति से मोहम्मद गौरी भागने को मजबूर।

रानी नायकी देवी सोलंकी के साथ घुड़सवार सैनिक, पैदल सैनिक और हाथियों पर सवार सैनिकों को देखकर मोहम्मद गौरी के पैरों तले जमीन खिसक गई।

मोहम्मद गोरी कुछ भी समझ पाता इससे पहले ही रानी ने तलवार के तेज वार से मोहम्मद गोरी के गुप्त अंग को भंग कर दिया। घायल अवस्था में दर्द से कांपता हुआ मोहम्मद गौरी युद्ध मैदान से भाग निकला।

मेरूतुंग के द्वारा लिखी गई “प्रबंध चिंतामणि” नामक पुस्तक और अन्य इतिहासकारों के अनुसार मोहम्मद गौरी इतना डर गया कि मुल्तान पहुंचने के बाद ही वह अपने घोड़े से नीचे उतरा। मुल्तान पहुंचने के पश्चात मोहम्मद गोरी ने देखा कि वाह नपुसंक बन गया इस घटना के बाद मोहम्मद गोरी ने आगामी 13 वर्षों तक भारत की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखी।

मोहम्मद गौरी और रानी नायकी देवी सोलंकी के मध्य हुवे इस युद्ध में दिल्ली सम्राट केल्हान देव चौहान ने रानी की सहायता की थी। विश्व प्रसिद्ध इतिहासकार कर्नल जेम्स टॉड एवं डॉ दशरथ शर्मा द्वारा लिखित पुस्तकों से भी इस बात का साक्ष्य प्राप्त होता है।

एक अपनी पहली हार बड़ी हार का सामना करते हुए, शहाबुद्दीन मोहम्मद गौरी मुट्ठी भर अंगरक्षकों के साथ भाग गया। उसका अभिमान चकनाचूर हो गया, और उसने फिर कभी गुजरात को जीतने की कोशिश नहीं की। इसके बजाय, उसने अगले साल खैबर दर्रे के माध्यम से उत्तर भारत में प्रवेश करने वाले अधिक संवेदनशील पंजाब की ओर देखा।

इतिहास के पन्नो मे नायीकि देवी का नाम तक नहीं हैं।

भारत के इतिहास की सबसे महान योद्धाओं में से महिलाओं में से एक, राजमाता नायिका देवी की अदम्य साहस और अदम्य भावना झांसी की पौराणिक रानी लक्ष्मी बाई, मराठों की रानी ताराबाई और कित्तूर की रानी चेन्नम्मा के बराबर हैं। फिर भी, इतिहास की किताबों में उसकी अविश्वसनीय कहानी के बारे में बहुत कम लिखा गया है।

राजमाता नायिकी देवी जैसी वीरता की मूर्ति यह साबित करती हैं की भारत में स्थायी रूप से इस्लामिक शासन कोई नहीं स्थापित कर पाया था ऐतिहासिक नक़्शे कासिम से लेकर औरंगजेब तक के शाशन काल तक का सब धोखा हैं अप्रमाणित हैं (वामपंथी इतिहासकारों ने 1957 से इतिहास लिखना शुरू किया था इन मार्क्स के लाल बंदरो ने जहा जहा मुस्लिम बहुल इलाके का नक्षा मिला 1939 से लेकर 1950 तक का उसीको औरंगजेब एवं मुग़ल , अफ़ग़ान , तुर्क इत्यादि लूटेरो की राजधानी बना दिया और उनके द्वारा शाशित किये गए राज्य बना दिए) ।

वामपंथ इतिहासकार ने इतिहास में मुगलों को भारत विजय का ताज पहना दिया हकीकत में हिन्दू राजाओ एवं दुर्गा स्वरुप रानी से पराजय होकर जिहादी लूटेरो को वापस अरब के रेगिस्तान में लौटना पड़ा ।

महारानी नायिका देवी सोलंकी पर अभी एक गुजराती फिल्म बन रही हैं।

फिल्म का नाम हैं Nayika devi The Warrior Queen फिल्म को डेयरक्ट कर रहे है नितिन जी और produce कर रहे है उमेश शर्मा ,फिल्म मे मुख्य पात्र का किरेदार निभा रही है खुशी शाह और main roll मे है राहुल देव और मनोज जोशी, फिल्म का teaser release हो चुका हैं। 

Recent Posts

Rani Kamalapati- भोपाल की महारानी जिसके नाम पर भोपाल के एक रेलवे स्टेशन का नाम हबीबगंज से रानी कमलापति रखा गया।

भोपाल मध्यप्रदेश के के एक रेलवे स्टेशन का नाम हाल ही बदलकर हबीबगंज से रानी…

1 year ago

Why did the mathematician Ramanujan not have any close friends/ आख़िर क्यों महान गणितज्ञ रमानुजम् के कोई करीबी दोस्त नहीं था।

वैसे तो महान गणितज्ञ रमानुजम् को कौन नहीं जनता जिन्हिने infinite ∞ यानी अनंत की खोज…

1 year ago

Rishi Kanad was the father of atomic theory and propounded the theory of gravitation and motion before Newton in Hindi.

महर्षि कनाद परमाणु सिद्धांत के जनक माने जाते हैं। महर्षि कणाद को परमाणु सिद्धांत का…

1 year ago

Lohagarh Fort History in hindi /लौहगढ़ का किला-भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग।

लौहगढ़ का किला-भारत का एक मात्र  अजेय दुर्ग, मिट्टी का यह किला तोपों पर पड़ा…

1 year ago

Uda Devi Pasi वो वीरांगना जिसने 36 अंग्रेजों को अकेले मारा/16 नवंबर उदा देवी पासी बलिदान दिवस।

16 नवंबर उदा देवी पासी बलिदान दिवस।  वो वीरांगना जिसने अकेले ही 36 अंग्रेजों को…

1 year ago

Biography Of South Film Actor Puneet Rajkumar in Hindi/पुनीत राजकुमा जीवन परिचय।

29 October 2021 को साउथ फिल्म जगत के महान एक्टर पुनीत राजकुमार (Appu) के देहांत…

2 years ago