भारत देश के सबसे ईमंदार डाक्टर प्रोफेसर टि के लहरी जो BHU से 2003 मे रिटायर हो गये थे परंतू फ्री मे अपनी सेवाएं BHU को देते रहे, और अपना जीवन अपनी सेवा गरीबो को देते रहे।
पद्मश्री डॉ. टि के लहरी यानी तपन कुमार लहरी का जन्म कोलकाता में हुआ। अमेरिका से डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद 1974 में बीएचयू में लेक्चरर के पद पर 250 रुपए महीने पर उनकी पोस्टिंग हुई। गरीबों की सेवा करने के लिए इन्होंने शादी नहीं की।
तपन कुमार लाहिड़ी उत्तर प्रदेश राज्य के एक भारतीय कार्डियोथोरेसिक सर्जन, मेडिकल अकादमिक और लेखक हैं। वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग में पूर्व प्रोफेसर हैं,भारत सरकार ने उन्हें चिकित्सा में उनके योगदान के लिए 2016 में पद्म श्री के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया।
डॉ. लेहरि ने 1997 से सैलरी लेना बंद कर दिया और अपनी सैलरी को जरूरतमंद मरीजों को डोनेट कर दिया। 1997 में उनकी सैलरी 84,000 थी। अन्य भत्तों को मिलाकर ये एक लाख के ऊपर थी।
2003 में रिटायरमेंट के बाद इन्हें जो पेंशन और पीएफ मिला वो भी इन्होंने बीएचयू को मरीजों की सेवा के लिए डोनेट कर दिया। ये केवल खाने के खर्च के लिए पेंशन से रुपए लेते हैं।
डॉ. लहरी ने बताया, रिटायरमेंट के बाद उन्हें अमेरिका के कई बड़े हॉस्पिटल से ऑफर था, लेकिन उनका मन यहीं लग गया था।
रिटायरमेंट के बाद भी रेग्युलर सुबह 6 बजे वे बीएचयू जाते हैं और 3 घंटे ड्यूटी करने के बाद वापस आते हैं। शाम को भी इसी तरह ड्यूटी करते हैं। इसके बदले बीएचयू से केवल आवास के आलावा कोई सुविधा नहीं ली।
डा. टि के लहरी सिर्फ अपने काम से काम रखने वाले आदमी हैं, उन्होंने एक बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने से भी मना कर दिया था, बात 2018 चुनाव की भाजपा का प्रतिनिधित्व करते हुवे योगी आदित्य नाथ अपने 2 दिवसीय अभियान पर वराणसी पहुँचे हुवे थे, 9 जून को अपनी पंचकोशी यात्रा के बाद उन्हे 10 जून को योजना के तहत उन्हे वराणसी के प्रभुद्धजनों से उनके घर पर मिलना था, जिसमे डा. टि के लहरी का भी नाम था, लेकिन डॉक्टर लहरी ने यह कहकर मुलाकात से इंकार कर दिया है यदि एक पेशेंट के तौर पर मिलना है तो अस्पताल के ओपीडी में मिले ना कि घर पर जिसके बाद आनन-फानन में टी के लहरी का नाम हटाकर प्रोफेसर सरोज चूड़ामणि का नाम डाला गया।
बीएचयू के डॉ. लखोटिया ने बताया, ऐसी शख्सियत हमेशा हम सब के लिए आइडियल है। उनके जैसा एक्सपीरियंस सभी के काम में आता है। मरीजों के लिए वो लाइफ का एक-एक पल डोनेट करते हैं। वो मानते हैं कि कर्म ने उनको डॉक्टर इसीलिए बनाया कि हर जरूरतमंद मरीज की वो मदद कर पाएं।
उनकी यही सेवा भावना और त्याग के लिए उन्हे 2016 मे उन्हे भारत सरकार द्वारा पदमश्री से नवाज़ा गया।
नमन हैं ऐसी सक्सियत को जिन्होंने अपना तन धन मन सबकुछ गरीबों के नाम कर दिया, एक सैलूट तो डॉ. टि के लहरी जी के लिये बनता है।
🙏 धनयवाद
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