Dropa stone Disc recorder का रहस्य ,13 हजार साल पुराना आंतरिक्ष रिकॉर्डर एलियंस या इंसानो द्वारा निर्मित ।
क्या आप कल्पना कर सकते है की आज से 13 हजार साल पहले भी कोई रिकॉर्डिंग यंत्र हो सकता था , चोंकिये नहीं ये हकीकत है Dropa stone Disc रिकॉर्डर होने का एक ऐसा ही साक्ष्य है।
हमें लगता है की सारी आधुनिक चीजे जिनका उपयोग हम आज करते है उनका अविष्कार 100 या 200 सालो के ही अंतराल में हुआ है,तो आप गलत है , आज ऐसी बहुत सी वस्तुवें मिल चुकी है जो यह दर्शाती है की आज से हजारों साल पहले भी इंसान इन आधुनिक चीजों का इस्तमाल करते आ रहे है ,परन्तु उनकी उन्नत सभ्यता के नष्ट हो जाने से हमें हमें उनकी खोज या आधुनिकता का पता नहीं चल सका है या यूँ कहे की कोई न कोई तबाही जरूर आयी होगी जो उनके साक्ष्य मिटा दी होगी और बचे हुए इंसानो को पुनः नए संसाधनों के साथ विकाश करना पड़ा हो और हमें इस नई सभ्यता के बारे में ही पता हो।
तो चलिए ऐसे ही एक अविश्वश्नीय पुरातात्विक खोज के बारे जानते है , जो 13000 साल पुरानी है ,सन 1037 में चीन और तिब्बत के बॉर्डर की बयान उलाकारा की पहाड़ियों पर Arcology की एक टीम को कुछ ऐसे पत्थर मिले जो disc जैसे थे और जिनके बीच में एक छेद था जो आज के Gramophone Recorder जैसे दीखते थे , ये सिर्फ एक पत्थर होता तो ठीक था परन्तु ऐसे 716 पत्थर है और सब एक जैसे ही है इनको Dropa स्टोन नाम दिया गया ,इनको देखकर ऐसा लगता है की ये किसी प्रकार के recorder ही है क्योंकि Gramophone के रिकॉर्डर जैसे इनमे बीच में छेद है और उसी तरह के खांचे बने हुए है , बहुत सारे शोधकर्ता ने इसपर खोज की इसपे अंकित शब्द और चित्रों की गुत्थी को सुलझाने की कोशिस की परन्तु ये गुत्थी अब तक नहीं सुलझ पाई।
परन्तु 1962 में चीन के एक प्रोफेसर Tsum Um Nui ने बताया की Dropa स्टोन पर बने खांचे वास्तव में बहुत छोटी एक चित्र लिपि है जिसे मैग्नीफाइंग ग्लॉस से ही देखा जा सकता है ,जिनमे कोई भी पैटर्न नहीं था ,उन्होंने recorder की बात को सुलझाते हुए कहा की Dropa stone में अंतरिक्ष यान के बारे में बताया गया है। यहाँ अंतरिक्ष यान बयान उलाकारी पहाड़ी के एक गुफा में क्रैश हुआ होगा।
इस अंरिक्ष यान में Dropa लोग आये थे वे अपने अंतरिक्ष यान को ठीक नहीं कर पाए इसलिए उन्हें पृथ्वी पर ही रहना पड़ा होगा, उन्होंने आगे कहा की Dropa लोगो को स्थानीय लोगो द्वरा मार दिया गया होगा।
प्रोफेसरTsum Um Nui के इस बयान के बाद ही इस स्टोन का नाम Dropa Stone पड़ा परन्तु उनके इस बयान को मनगढ़त बताकर नकारते हुए सभी ने अनसुना कर दिया , प्रोफेसर शूम उम नोइ के बाद भी इसपर बहुत आर्किलॉजिस्ट ने खोज की परन्तु Dropa stone के रहस्यों को आज तक सुलझा नहीं पाए।
रूस के वज्ञानिक Dr. Vyatcheslav Saizev ने Dropa stone पर रीसर्च करने के लिए उसकी मांग की फिर उन पत्थरो को मास्को में भेज दिया गया , Dr. Vyatcheslav Saizevne ने इसपर सालो तक खोज की उन्होंने इनपत्थरो पर रासायनिक क्रिया से पता लगाया की इन पत्थरो पर कोबाल्ट और अन्यधातु के पदार्थ मौजूद है , इन्होने विद्युत् तरंगो की सहायता से इसे बजाने पूरी कोशिश की कुछ हद तक वे सफल भी हुए परन्तु इसपे huming और कम्पन के लावा कुछ और नहीं बजा पाए। परन्तु उन्होंने ये साबित कर दिया की ये एक तरह रिकॉर्डर ही परन्तु ये किस सुई या किस सिस्टम पे बजेगा इसका पता वे नहीं लगा पाए।
माना जाता है कि, अर्नस्ट एक ऑस्ट्रियाई इंजीनियर थे, जिन्होंने 1974 में शांक्सी प्रांत के शीआन में बानपो संग्रहालय का दौरा किया था, जहाँ उन्होंने Dropa पत्थरों को देखा था। ऐसा कहा जाता है कि जब उन्होंने डिस्क के बारे में पूछताछ की तो संग्रहालय के प्रबंधक ने उन्हें कुछ भी नहीं बताया शायद वो उनसे कुछ छुपा रहा था , लेकिन उसने उन्हें अपने हाथ से एक तस्वीर लेने की अनुमति दे दी और उन्हें करीब से देखा। उनका दावा है कि उनकी तस्वीरों में फोटो को नहीं देखा जा सकता है क्योंकि वे कैमरे से फ्लैश द्वारा छिपाए गए थे और खराब भी हो गए थे। 1994 तक, डिस्क और संग्रहालय प्रबंधक दोनों संग्रहालय से गायब हो गए थे।
कुछ वज्ञानिक अब भी प्रोफेसर Tsum Um Nui की बातो पर यकिन कर रहे है ,क्योंकि उस गुफा में हमारे Milki way ग्लैक्सी जैसा एक कलाकृति मिली जिसको देखने ऐसा लगता है वो हमारी मिल्की way ग्लैक्सी ही है,उसमे हमारे सौर मंडल की जगह पर एक होल भी जो हमारे सौरमण्डल को दर्शाता है , वज्ञानिकों के अनुसार Dropa स्टोन में कुछ ऐसे पदार्थ भी मिले है जो हमारे धरती के है ही नहीं ,उनके अनुसार ये पत्थर रेडिओ एक्टिव है जो किसी प्रकार का सिग्नल release करते है , तो क्या सच में 13000 साल पहले धरती पर एलियंस आये थे , कुछ वैज्ञानिको मानना है की जो एलियन इस धरती पर 13000 साल पहले आये थे, उन्होंने ही इसका निर्माण किया था ताकि वे किसी तरह का सन्देश भेज सके परन्तु वे सफल नहीं हो पाए, अगर एलियंस 13 हजार साल पहले आये थे तो वे अब भी आ सकते है ।
निष्कर्ष :-जो भी हो परन्तु ये तो सच है की Dropa पत्थर मिले है और ये पत्थर किसी तरह के रेकॉर्डर ही है और 13 हजार साल पहले इसका निर्माण करना नामुमकिन था। तो क्या ये सच में एलियंस ने इसे बनाया होगा अब आपका क्या विचार है इसके बारे हमें जरूर बताये कमेंट बॉक्स में टिप्पड़ी करने के लिए आप स्वतन्त्र है।
धन्यवाद्।
भोपाल मध्यप्रदेश के के एक रेलवे स्टेशन का नाम हाल ही बदलकर हबीबगंज से रानी…
वैसे तो महान गणितज्ञ रमानुजम् को कौन नहीं जनता जिन्हिने infinite ∞ यानी अनंत की खोज…
महर्षि कनाद परमाणु सिद्धांत के जनक माने जाते हैं। महर्षि कणाद को परमाणु सिद्धांत का…
लौहगढ़ का किला-भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग, मिट्टी का यह किला तोपों पर पड़ा…
16 नवंबर उदा देवी पासी बलिदान दिवस। वो वीरांगना जिसने अकेले ही 36 अंग्रेजों को…
29 October 2021 को साउथ फिल्म जगत के महान एक्टर पुनीत राजकुमार (Appu) के देहांत…