Most dangerous fort of the World दुनिया का सबसे खतरनाक किला।
भारत ऐसे ऐसे डरावने भूतिया और खतरनाक जगह है जहाँ पर कोई भी जाना नहीं चाहता ,उनमे से ही एक ऐसा किला है जो दुनिया का सबसे खरनाक किला है ,जिसपे नजाने कितनी मौतें अब तक हो चुकी है , फिर भी उस किले को देखने आने वाले सैलानियों की कमी नहीं हुयी है ,हर साल हजारो की भीड़ यहाँ अति है ,उस किले के एडवेंचर का मज़ा लेती है ।
यह किला समुन्द्र तल से 2300 फिट की सीधी उचाई पर है , इस किले पर चढ़ाना ही अपने आप में एक एडवेंचर है , इस किले की सीढिया एकदम खड़ी है , और अंतिम कुछ उचाई तो आपको रस्सियों के सहारे चढ़ानी पड़ती है , अगर आप उसपे चढ़ते चढ़ते कही निचे देख लेते है तो आप अंदर तक काम सकते और थोड़ा भी बैलेंस बिगड़ा तो आप २३०० फिट की उचाई से सीधे निचे आ जायेंगे , इस किले की खड़ी सीढ़ियों पर न तो सेफ्टी और न ही किसी प्रकार रेलिंग है जिसे आप पकड़ कर चढ़ सके। इस किले का नाम कलावंती दुर्घ है , इसे पनवेल का किला भी कहते है , actually पनवेल का किला अलग है परन्तु इसे भी लोग पनवेल का किला ही कहते है .
कलावंती दुर्घ महाराट्र के पनवेल से 50 km की दुरी पर जंगलो के बिच स्थित है ,जहाँ पर किसी प्रकार की बिजली या रहने की सुविधा नहीं है और काफी सुनसान इलाका होने के कारन सैलानी वहाँ से शामों शाम निकल आते है।
कलावंती दुर्घ का निर्माण बहमनी सल्तनत के समय पनवेल और कल्याण किले की निगरानी के बनाया गया था , परन्तु 1458 AD में
अहमदनगर सल्तनत के प्रधानमंत्री मालिक अहमद ने कोंकण पर जीत के साथ ही इस किले पर कब्जा कर लिया।
1657 में छत्रपति शिवाजी महाराज ने मुगलों को पस्त कर फिर इस किले पर कब्ज़ा किया। पहले इस किले को मुरंजन किला कहा जाता था। बाद में इसका नाम प्रभलगढ़ रखा गया।इस किले के नाम कलावंती किला भी है, जिसका नाम शिवाजी ने रानी कलावंती के नाम पर रखा था।
इस किले की उचाई २३०० फिट होने के कारण पनवेल का किला और कल्याण किला साफ साफ नजर आता है इसके अलावा मुंबई के कुछ इलाके भी नज़र आते है।
यहाँ सालो भर भीड़ नजर आती है , परन्तु यहाँ सबसे ज्यादे भीड़ ठण्ड के मौसम में होती है ये मौसम यहाँ घूमने का सबसे अच्छा मौसम है , क्योंकि गर्मियों में धुप के कारन पहाड़ी आग उगलती है वैसे में यहाँ चढाने का पूरा एडवेंचर ख़राब हो सकता है , और बरसात में तो यहाँ न जाए तो अच्छा है क्योंकि बरसात इस किले को और भी खतरनाक बना देती है, अगर जरा सी भी आप से चूक हुए और आप फिसले तो सीधे आप मौत की गोद में होंगे क्योंकि वहाँ से गिराने के बाद बचना नामुमकिन है।
२३०० फिट की उचाई ही अपने आप में खरनाक है , इस किले की सीढिया एकदम सी खड़ी है इसे वही की पहाड़ियों को काटकर बनाया गया है , न हीं वहाँ कोई रेलिंग न ही किसी सेफ्टी की सुविधा , और अंतिम कुछ उचाई तो आपको रस्सियों के सहारे लटक कर चढ़ना पड़ता है , इस किले से अब तक बहुत सी मौते हो चुकी है , फिर भी एडवेंचर के लिए लोग यहाँ आते जाते रहते है , पहले तो पनवेल में भी बिजली नहीं थी परन्तु बिजली आ जाने के चलते वह काफी होटल्स और रहने की सुविधा भी हो गई है।
अगर आप महाराट्र से बहार के है तो आप पुणे , मुंबई , या नवी मुंबई जाये वहाँ से पनवेल के लिए आपको बस या ट्रैन की सुविधा मिल जाएगी उसके बबाद का सफर आप को टैक्सी या ऑटो से ही करना पड़ेगा।
भोपाल मध्यप्रदेश के के एक रेलवे स्टेशन का नाम हाल ही बदलकर हबीबगंज से रानी…
वैसे तो महान गणितज्ञ रमानुजम् को कौन नहीं जनता जिन्हिने infinite ∞ यानी अनंत की खोज…
महर्षि कनाद परमाणु सिद्धांत के जनक माने जाते हैं। महर्षि कणाद को परमाणु सिद्धांत का…
लौहगढ़ का किला-भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग, मिट्टी का यह किला तोपों पर पड़ा…
16 नवंबर उदा देवी पासी बलिदान दिवस। वो वीरांगना जिसने अकेले ही 36 अंग्रेजों को…
29 October 2021 को साउथ फिल्म जगत के महान एक्टर पुनीत राजकुमार (Appu) के देहांत…