Mysterious Fact about space /Existence of God & Human related to space in Hindi (रहस्यमयी आकाशगंगा )
हमने बचपन में पढ़ा था की सोलर सिस्टम में 9 ग्रह होते है, परन्तु आज हमें पढ़ाया जाता है की सिर्फ़ 8 ग्रह है , प्लूटो को प्लैनेट सिस्टम से हटा दिया गया है क्योंकि वह सूरज से बहोत दूर एवं बहोत छोटा था इसलिए वह अब सोलर सिस्टम हिस्सा नहीं रहा। हम यहाँ यूनिवर्स और उसके रहस्यों को जानेगे और जानेंगे की इंसान उसमे कहा Exist करता और उसकी औकात क्या है , हम इस plannet का हिस्सा कैसे बने ।
हमारे सोलर सिस्टम 9 ग्रह क्षमा चाहूंगा 8 ग्रह है और उसके चन्द्रमा जैसे 165 उपग्रह है.चलिए इस सिस्टम के सबसे छोटे प्लैनेट की बात करते है जो की है मरकरी mercury जिसका ब्यास है 2440 km अब ये हमारी धरती Earth से 3 गुना छोटा है यानी चन्द्रमा से थोड़ा बड़ा है और सूर्य से 109 गुना छोटा है और यह इस सोलर सिस्टम का पहला ग्रह है इससे बड़ा है Mars यानी मंगल उससे बड़ा है Venues यानी शुक्र उससे बड़ा है पृथ्वी Earth और उससे बड़ा है वरुण Neptune और उससे बड़ा है अरुण Uranus और सबसे बड़ा है बृहस्पति Jupitar और इन सबसे बड़ा है सूर्य जो की लगभग 1390000 Km के ब्यास इतना बड़ा है।
अब सोचिये की हमारा अपना Solar System जिसमे सिर्फ़ 9 ग्रह है और उनके 165 उपग्रह वह कितना बड़ा है हम इंसान इस सिस्टम के कितने छोटे कण है आप इससे अंदाज़ा लगा सकते है।
अब अपने दायरों को थोड़ा बड़ा करते है अब एक तारा यानी अपना सूरज का सोलर सिस्टम इतना बड़ा है तो ज़रा सोचिये ऐसे तो अरबो तारों का समूह है जिनके अपने ग्रह उनके उपग्रह सिस्टम है उन सभी तारामण्डलों के समूह से एक गैलेक्सी एक आकाश गंगा बनती जो की हमारे अपनी Milkiway Galaxy है।
अब अपना दायरा और बढ़ाते है हमारे मिल्कीवे गैलेक्सी के opposite में एक और गैलेक्सी है , और Milki way galaxy के 2 और neighbouring Galaxy है इस pair of Galaxy को सेटेलोट्स कहते है ,और नजाने कितनी ऐसी अरबो खरबो की गैलेक्सी Exist करती है हमे पता भी नहीं है इन सभी अरबो खरबो गैलेक्सी के समूह को हम यूनिवर्स कहते है, हम जिस universe की बात कर रहे है वो कितना बड़ा है ।अब आप इससे अंदाज़ा लगा सकते है ,और इंसान इसमें कहा Exist करता है, कही नहीं?
अब और आगे बढ़ते है अब इस यूनिवर्स में भी नजाने कितने अरबो खरबो और यूनिवर्स है जिसे हम Multiverse कहते है अब आपको समझ में आ गया होगा की हम इस यूनिवर्स के कितने अहम लोग है और हमारी औकात यहाँ पर क्या है ।
और क्या पता इन सभी Multiverse को मिलाकर भी कोई Superverse बनता हो जिसका कोई आदि अंत की सीमा न हो ।
अब इंसान की बात करते है जो हमेशा से भगवान के नाम से न जाने कितने युगों से लड़ता आ रहा है ,जिसकी खुद की कोई औकात नहीं है , वह इस धरती पर बैठ कर उस भगवान की रक्षा की बात करता है जिसने इस पूरे यूनिवर्स का निर्माण किया, आप की ख़ुद की कोई औकात नहीं और आप इस universe में कहा है कहा Exist करते है आप यहाँ ख़ुद देख सकते है ।
डार्विन ने एक theory दी थी, जिसे theory of evolution कहते है यानी डार्विन का सिद्धान्त, हमने बचपन मे पढ़ा होगा , इस थ्योरी के अनुसार इन्सान बन्दरों से evolute होकर इंसान बना है अब एक वैज्ञानिक ने तर्क दिया कि अगर इंसान बंदरों से evoluet होकर इंसान बना है तो फिर सारे बंदर इंसान क्यो नहीँ बन गए , इसके बाद Charls Darvin Theory को खारिज कर दिया गया , अब बात उठती है तब इंसान कैसे बने कहा से आये , एक मतानुसार इंसान इस धरती के है ही नहीं क्योंकि पृथ्वी पर सभी जीवों की प्रजातियां है कुते बिल्ली साँप सभी की आपको प्रजातियां मिल जायेंगी सिर्फ इंसान की नही क्यो? अपने सोचा है कभी , आपको इस धरती पर ऐसी बहोत सारी चीजें मिल जाएंगी जो हजारो साल पुरानी हो परंतु उसका खोज तो हाल फिलहाल में हुआ था तो वो चीजे हजारो साल पुरानी कैसे हो सकती थी , जैसे हजारों साल पहले मंदिर , हजारों साल पहले के mechanical computer मिलते है ,तो ये आये कहा से , कुछ मतो अनुसार इन्सान मंगल यानी mars से आया है, जब मंगल ग्रह का वातावरण रहने लायक नहीं रहा , तब कुछ इन्सान इस धरती पर आए, और उनको टेक्नोलॉजी का सही source नही मिलने और खाने पीने के जतोजहत ने उन्हें टेक्नोलॉजी से दूर कर दिया हों , तभी तो अब भी कभी न कभी हजारो लाखों साल पहले के बने Pyramid मिलते है, उस वक्त इन Pyramids को कैसे गया होगा इतने भारी पत्थरों को उतना ऊपर कैसे ले जाया गया होगा , और वहाँ नजदीक में कोई पत्थरों स्रोत भी नही था तो वो पत्थर इतने दूर से कैसे लाया गया होगा जब पहिये का अविष्कार भी हालफिलहाल ही हुआ है , कभी सोचा है अपने नही तो कभी फुर्सत मिले तो जरूर सोचियेगा ।
निष्कर्ष – ये हमारा मत था आप अपनी राय कॉमेंट बॉक्स में टिप्पड़ी करके दे सकते है ।
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