भारत के 5 रहस्यमयी लोग / 5 mysterious people of India in hindi .
भारत देश हमेशा से ही परम्पराओ रूढ़िवाद और रहस्यों का देश रहा है परन्तु हम यहाँ बहोत ज्यादे पुरानी या ऐतिहासिक रहस्यों की बात नहीं करेंगे ,आज हम उन 5 रहस्य्मयी लोगो की बात करेंगे जो कुछ दशकों पहले के ही हैं , जिनका नाम अपने कही ना कही सुना होगा ।
इस श्रेणी में पहला नाम आता है नाना साहब का 1857 के विद्रोह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे है अचानक नाना साहब रहस्यमयी तरीके गायब हो जाते है और किसी को कोई खबर नहीं होती अब सवाल यह उठता है की नाना साहब अचानक कहाँ गयाब हो गए , कुछ लोगो का मानना है की उनके खजाने को लूट कर अंग्रेजो ने ही उन्हें गुप् रूप से फांसी दे दी थी ।
उनके गायब हो जाने के बाद बहुत सारी अटकने उठी पर उनका गायब होने का पुख्ता सबूत कभी नहीं मिला , कुछ लोगो का मानना था की वो कभी अंगरेजो के पकड़ में नहीं आ सके , वो अपने खजाने के साथ नेपाल चले गए थे , वहाँ शिकार करने के दौरान सितम्बर 1859 में बाघ द्वारा हमले से उनकी मौत हो गयी
कुछ मतों के अनुसार वो हिमालय चले गए थे जहा वे 46 साल तक एक योगी रूप रहे थे और धर्मोउपदेश देते हुए किसी गुफा में sea horse town में गुजार दिए । अब भी उनके खजाने का रहस्य पूर्ण रूप से कोई नहीं जान सका है।
10th January 1966 में Tashkand declaration signature हिंदुस्तान एवं पाकिस्तान के बिच युद्ध समझौता हो रहा था जहाँ India के तत्कालीन प्रधान मन्त्री लाल बहादुर शास्त्री जी गए हुए थे। वहाँ पर एक अज्ञात आदमी की पिक्चर मिलती जिसका चहरे की बनावट हूबहू war हीरो सुबाष चंद्रा बॉस से मिलती हुयी है , परन्तु आज तक कोई भी नहीं जान सका की वो कौन था इंडिया की तरफ से था या पाकिस्तान की तरफ से शायद लाल बहादुर शास्त्री इस मिस्ट्री से पर्दा उठा सकते थे परन्तु उसी रात उनकी मौत रहस्मयी तरीके से हो जाती है और आजतक यह पता नहीं चल पाया की वो अज्ञात आदमी कौन था।
इसकी अगली कड़ी में प्रह्लाद जनि का नाम आता है , उनके अनुसार वो पिछ्हले 75 सालो से कुछ भी खाये पिए बिना रह रहे है उनका कहना है की माँ आंबे उन्हें शक्ति देती है , परन्तु बैज्ञानिको और डॉक्टरों के लिए एक चुनौती साबित हुयी इसलिए उन्होंने इनकी जांच के लिए 2003 एवं 2005 में दो बार उनकी जांच हई जिसमे 45 लोगो की टीम तैयार की गयी, जिसमे 7 DRDO के लोग भी सम्मलित थे , उनकी जाँच कैमरा साथ 24 घंटे सर्विलांस में हुयी, डॉक्टर भी ये देखकर हैरान हो गए की 10 दिन तक बिना कुछ खाये पिए प्रह्लाद जानी बिल्कुल स्वस्थ है अब इसे देवी का चमत्कार कहे या विज्ञानं अब ये आपके ऊपर है।
इस कड़ी में अगला नाम शान्ति देवी का आता है 11 december 1926 को Delhi में शांति देवी का जन्म हुआ था, 4 साल तक उन्होंने कुछ बोलना नहीं शिखा ,परन्तु जस्बा बोली तो सब हैरान रह गए , उन्होंने अपनी माँ को बताया की उसका नाम लुगदी देवी है उसका घर दिल्ली से 146 km दूर मथुरा में तब उनकी माँ उनको serious नही ली परंतु जब वो 7 साल की हुई तो school में मास्टर से भी वही बातें बताने लगी , और up की भाषा का भी उन्हें पूरा ज्ञान था वो उसी भाषा का अक्सर प्रयोग करती तब उनकी माँ ने इस बात को गंभीरता से लेना सुरु किया ।
और उनसे पूरी जानकारी ली तब शांति देवी ने बताया कि उसका पति का नाम केदारनाथ चौबे था , उन्होंने अपने शहर की छोटी से छोटी पहचान भी अपनी माँ को बताई उन्होंने ये भी बताया कि उसकी मौत अपने बच्चे को जन्म देते हुये हुई थी ।
फिर शांति के चाचा उनकी बातों की पड़ताल करने मथुरा गये फिर उसकी हकीकत जानकर दंग रह गए उनके बतायें सभी बातें सच थी वे मथुरा में केदारनाथ से मिले उनका कपड़ो का व्यापार था जो शांती देवी ने उन्हें पहले ही बता दिया था, उसकी पत्नी लुगदी देवी शांति के जन्म से 1 साल पहले बच्चे को जन्म देते हुये मरी थी ।
उस समय के एक विशेषज्ञ K L Rawat ने कई सालों तक शांती देवी के पुनर्जन्म की कहनी पर research किया ।
अब यह बात आग की तरह सब जगह फैल गई ,लोग इस सच्चाई को जानने के लिए आतुर हो गये ,1930 एक तो आजादी की जंग चल रही थी वही दूसरी ओर हिन्दू मश्लिम एक दूसरे से नफरत करने लगे थे , जब गाँधी जी को शाँति देवी की कहानी का पता चला तो उन्होंने हिन्दू मश्लिम मुद्दे से लोगो का मन भटकने के लिये शान्ति देवी की कहानी को सब तक पहुँचाया, तब मुश्लिम और ईसाई समुदाय के लोग गाँधी जी का विरोध करने लगे कयोंकि उनके समुदाय में पुनर्जन्म जैसा कुछ था ही नहीं ,इसमे भी हिन्दू मुश्लिम Angel लोग ढूढ़ने लगे
तब 1935 में गाँधी जी ने शान्ति देवी को बुलाया और उनकी कहानी सुनी ,उन्होंने एक committee बनाई जो इसकी सत्यता की जांच कर सके , और तब शाँति देवी committee के साथ माथुर पहुँची हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी शाँति देवी को देखने, शान्ति को सभी रास्ते पहले से ही ज्ञात थे उनके पुर्वजन्म के पति भी उनसे मिले उसके बाद उन्होंने बताया कि इसमें कोई संदेह नही है ये मेरी पत्नी का ही पुर्वजन्म है
Committee ने उन्हें उनके 10 साल के बेटे नवनीत से मिलवाया बिना कुछ बतायें तब शांति देवी उसे भी पहचान गई committee ने उनसे पूछा आपने इसे कैसे पहचान लिया तब शाँति देवी ने उन्हें बताया मेरी आत्मा ने इसे पहचान लिया ।
और जब Committee ने Report बनाया तो इसमे उन्होंने लिखा कि अगर विज्ञान और धर्म एक जगह मील जाए तो वो पुनर्जन्म के रहस्य को सुलझा सकते है ।
मुंबई में 1985 से 1989 के आसपास एक Serial killer 20 से 30 kg के पत्थरो से लोग को जान से मार देता था एक दो हादसों से पता नहीं चला की Murder of motive क्या है ,और Case रफा दफ़ा हो जाता है, परंतु धीरे धीरे ये शिलशिला बढ़ता ही जाता है तब Police को लगा कि कोई Serial killer इन हत्याओं के अंजाम दे रहा है और Police सतर्क हो जाती है , कुछ दिनों बाद ये शिलशिला फिर सुरु हो जाता है Footpath पर फिर से लाशें मिलने लगती है उसी तरीके से, उस killer का नाम Stone man Media द्वरा दे दिया जाता है ,ये शिलशिला 4 सालो तक चला 17 लोगों की मौत उसी तरीक़े से होती है और अचानक बंद हो जाती है , आज़तक Murder of motive का पता चला न ही उस Stone man का, इस घटना को चित्रित करके एक फिल्म भी बानी है जिसका नाम भी The Stone man है
निस्कर्स – यह जानकारी आपको कैसी लगी ये आप कमेंट बॉक्स में टिप्पड़ी करके बता सकते है ,त्रुटिया क्षमा योग्य है , धन्यवाद् !
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